4 मुखी रुद्राक्ष के अधिपति देवता भगवान् ब्रह्मा है जो ब्रह्माण्ड के निर्माता के साथ साथ ज्ञान और रचनात्मकता के दाता है। रुद्राक्ष धारण करने और उसकी अपने घर में पूजा करने से हमारे जीवन में एक अलग ही प्रकार की साधगी आती है। तो आज हम 4 मुखी रुद्राक्ष के बारें में जानेंगे। आज हम जानेंगे 4 mukhi rudraksha benefits in hindi और उससे जुड़े सारे तथ्ययों को।
चलिए बिना देर किये हुए बिना शुरू करते है और जानते है 4 मुखी रुद्राक्ष के फायदे। उसके बाद हम आपको बताएंगे इसे धारण करने का मंत्र और समय।
4 मुखी रुद्राक्ष क्या होता है ? (4 Mukhi Rudraksha Kya Hota Hai)
4 मुखी रुद्राक्ष एक प्रकार की धार्मिक मान्यताओं और धार्मिक उपयोगों से जुड़ा हुआ है, जिसे हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है। यह एक प्रकार की प्राकृतिक बीज की माला होती है, जिसमें चार मुख या चार अंग होते हैं। इसे मंत्र जाप के दौरान ग्रहण किया जाता है। चार मुखी रुद्राक्ष को विशेष रूप से भगवान ब्रह्मा, जिन्हें वेदों के पिता और सर्वश्रेष्ठ सर्वज्ञ माना जाता है, के नाम से जोड़ा जाता है। इसकी मान्यता यह है की इसे धारण करने से व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि, संवादनशीलता और सामर्थ्य में वृद्धि होती है।
4 मुखी रुद्राक्ष के महत्तव।
चार मुखी रुद्राक्ष विशेष महत्त्वपूर्ण है और इसका आध्यात्मिक, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सकारात्मक प्रभाव होता है। यह रुद्राक्ष चार मुख्य के साथ भगवान ब्रह्मा से जुड़ा होता है। इसके धारण से आपको आध्यात्मिक विकास, बुद्धि और ज्ञान का विकास, मानसिक शांति, आत्म समर्पण और हमेशा सकारत्मकता के ओर बढ़ावा मिलेगा।
4 मुखी रुद्राक्ष के फायदे (4 Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi)
4 मुखी रुद्राक्ष के पहनने के फायदे जो अक्सर अनुभव किये जाते है :
● इसे धारण करने से व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि, संवादनशीलता और सामर्थ्य में वृद्धि होती है।
● 4 मुखी रुद्राक्ष के पहनने के फायदे जो अक्सर अनुभव किये जाते है :
● जिनके कुंडली में बुध और गुरु के द्वेष है, 4 मुखी रुद्राक्ष पहनने से दूर हो जाता है।
● यह गले से सम्बंधित बीमारियों में फायदा करता है।
● इसे धारण करने से संचार करने का तरीका और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है।
● यह 4 mukhi rudraksha बच्चो के पढाई में काफी लाभकारी होता है।
● यह बुद्धि को काफी तेज़ करने में मदद करता है।
● चार मुखी रुद्राक्ष धारण से संतान की प्राप्ति होती है।
● इसके धारण से वेदो और धर्मिक ग्रंथो के अध्य्यन में सफलता मिलती है।
● इसके धारण से आप एक अच्छे वक्ता और कुशल इंसान बनते है।
● 4 मुखी रुद्राक्ष आपको शिक्षा के छेत्र में सफल बनाता है।
● इसके धारण से स्वास्थ में सुधार और तनाव में कमी आती है।
● रुद्राक्ष घर में रखने से घर में शांति बनी रहती है और कलेश होने से बचता है।
● रुद्राक्ष धारण से हमे धेयान केंद्रण में मदद मिलती है।
● चार मुखी रुद्राक्ष मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियां, रक्त परिसंचरण, खांसी, हकलाना और यादास्त भूलने जैसी बिमारियों में एक आयुर्वेद के तरह काम करता है।
4 मुखी रुद्राक्ष कैसे पहचानने ?
4 मुखी रुद्राक्ष पहचानने के चार तरीके है:
● 4 मुखी रुद्राक्ष में चार मुख होते हैं, जिनका मतलब होता है कि इसके सत्तारह बीज होते हैं और वे चार अलग-अलग मुखों पर स्थित होते हैं।
● 4 मुखी रुद्राक्ष के प्रत्येक मुख में एक खुदरा होता है जो आकार में एक सामग्री से बना होता है। इन खुदराओं के बीच में नग या दरार नहीं होती है।
● यह रुद्राक्ष का रंग आमतौर पर भूरा या भूरा-भूरा होता है, लेकिन कई बार यह रंग मामूले से थोड़ा भिन्न हो सकता है।
● 4 मुखी रुद्राक्ष के छेदों की प्रविष्टियाँ साफ और संरचित होती हैं, बिना किसी दरार या क्रैक्स के।
4 मुखी रुद्राक्ष कौन पहन सकता है ?
4 मुखी रुद्राक्ष को आमतौर पर हर व्यक्ति पहन सकता है, अगर वह इसके धारण से जुड़े आध्यात्मिक और धार्मिक अर्थ मानता है। हिन्दू धर्म में, रुद्राक्ष के धारण से उपासना, आध्यात्मिकता, और मन की शुद्धि को प्राप्त करने का मान्यता माना जाता है। 4 मुखी रुद्राक्ष को शिक्षक, कला और विज्ञान के छेत्र से संबधित लोग, पत्रकार, और स्कूली छात्र पहन सकते है।
4 मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र।
4 मुखी रुद्राक्ष को धारण करते समय आपको इस ” ऊं ह्रीं नम: “ मंत्र का जाप करना है।
मंत्र का जाप करते समय आपका मन और मन की दृष्टि संग्रहित और स्थिर रहे, ताकि आपकी आध्यात्मिक अनुभवणीयता में सुधार हो सके।
4 मुखी रुद्राक्ष कब और किस समय धारण करें ?
यदि आप किसी भी रुद्राक्ष को अपने शरीर पर धारण करना चाहते है तो भगवान शिव के पूजा वाला कोई दिन चुने। आप श्रावण मास का कोई सोमवार , पूर्णिमा या शिव रात्रि का दिन चुन सकते है। क्यूंकि यह सब दिन भगवान शिव के पूजा का काफी महत्तवपूर्ण माना जाता है।
● ब्रह्मा मुहूर्त, सुबह की सुनहरी किरनों के साथ, एक शांत और आध्यात्मिक वातावरण में जप और धारण करने के लिए सर्वोत्तम समय होता है।
● शाम के समय, सूर्यास्त के बाद, भी आप धारण और मंत्र जाप कर सकते हैं, इससे आपकी शांति की भावना बढ़ सकती है।
● आध्यात्मिक अवस्था में रहते समय भी आप चार मुखी रुद्राक्ष का जाप और धारण कर सकते हैं, क्योंकि इस समय आपका मन और मन की दृष्टि साकार और अनाकार वातावरण के बाहर होती है।
आपको अपनी आध्यात्मिक यात्रा को बढ़ावा देने वाले उचित तरीके से धारण करना चाहिए, ताकि आपको इसके सभी आवश्यक लाभ मिल सकें।
4 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के नियम।
● रुद्राक्ष धारण करने के बाद आपको माँसाहारी भोजन और शराब के सेवन से दूर रहना चाहिए।
● इसके धारण के बाद आपको रात में कभी सनान नहीं करना चाहिए।
● 4 रुद्राक्ष को सोने से पहले उतार कर पूजा करने वाले स्थान पर रख दे।
● चार रुद्राक्ष को कभी भी नाभि के निचे नाची पहनना चाहिए , इसे हमेशा दिल के पास पहने।
● चार रुद्राक्ष पहन कर शमशान आदि जगह पर नहीं जाएँ।
● इसे धारण करने के बाद आपका मन पूरी तरह से साफ़ होना चाहिए।
FAQs
Ans – रुद्राक्ष कोई भी पहन सकता है।
Ans – बच्चों को रुद्राक्ष का चयन करते समय उनकी आयु, स्वास्थ्य, आध्यात्मिकता और आवश्यकताओं के आधार पर विचार कर पहना चाहिए।
Ans – नहीं , आप रुद्राक्ष पहन कर शमसान घाट नहीं जा सकते है।
Ans – रुद्राक्ष का काम करने का समय व्यक्ति की आध्यात्मिकता, आवश्यकताओं, और उसके मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है।
Ans – रुद्राक्ष घर में रखने से घर में शांति बनी रहती है और क्लेश होने से बचता है। रुद्राक्ष को धारण करने और घर में रखने से अन्य बहुत से भी फायदे है जैसे धन में वृद्धि , सूख समृद्धि आना और शांति बने रहना।
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