रत्न शास्त्र में नौ रत्नों को अमूल्य और प्रभावशाली माना जाता है | ये नौ रत्न माणिक, मोती, मूंगा, पन्ना, पुखराज, हीरा, नीलम, गोमेद (Gomed Stone), लहसुनियाँ और हीरा हैं | माना जाता है कि जब हमारी कुंडली में ग्रहों का प्रभाव होने लगता है और हमारे ग्रह कमजोर होने लगते हैं तो ग्रहों का बुरा असर हमारी कुंडली में पड़ता है जिससे हमारा जीवन उथल पुथल हो जाता है इसलिए हमें रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है | इन्ही रत्नों को धारण करके व्यक्ति ग्रहों की स्तिथि को मजबूत करके हर मुश्किलों से छुटकारा पा सकता है और इन्ही रत्नों में से एक रत्न है गोमेद | गोमेद रत्न धारण करने के लिए हमें तब कहा जाता है जब हमारी कुंडली में राहू का बुरा असर देखने को मिलता है |
राहू को हमेशा पाप का ग्रह माना जाता है इसलिए ज्योतिष द्वारा राहू के दुष्प्रभाव को खत्म करने के लिए गोमेद रत्न (Hessonite Stone) पहनने की सलाह दी जाती है लेकिन गोमेद धारण करते वक़्त ध्यान ये रखा जाए की इसे माणिक, पुखराज और मूंगा के साथ ना पहना जाए | गोमेद एक सुन्दर रत्न है |
गोमेद रत्न का आकार और रंग (Gomed Stone Kaisa Hota Hai)
गोमेद रत्न काले और हलके बुरे रंग का होता है | यह पारदर्शी होता है | काफी चमकदार और सुन्दर दिखने वाला यह रत्न उल्लू की आँख के समान होता है | कहते हैं की अगर लकड़ी के बुरादे से इसकी सफाई करे तो यह काफी चमकदार हो जाता है लेकिन अगर वही हम नकली बुरादे से इसकी सफाई करेंगे तो इसकी चमक फीकी हो जाती है | गोमेद भारत में आसानी से मिल जाता है और साथ ही साथ यह ऑस्ट्रेलिया , ब्राजील, श्रीलंका इत्यादि जगह में भी आसानी से मिल जाता है |
इन लोगो को गोमेद रत्न धारण करना चाहिए
यूँ तो राहू का अपना कोई अस्तित्व नहीं है क्यूंकि यह एक छाया ग्रह है लेकिन यह जिन नक्षत्रों से जुड़ता है वही नक्षत्र व्यक्ति के जीवन में निर्णय करते हैं की यह उसके लिए शुभ होंगे या अशुभ |अत: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृषभ , मिथुन , कन्या और तुला राशी वालों के लिए गोमेद रत्न धारण करना शुभ माना गया है |इसके अलावा अगर किसी की कुंडली में राहु अगर पहले ,चौथे पांचवें और नौवें भाव में है तो उसे भी गोमेद रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है | तुला राशी के लोग भी गोमेद धारण कर सकते हैं |
गोमेद रत्न धारण करने के फायदे (Gomed Stone Benefits In Hindi)
आईये जानते है गोमेद रत्न धारण करने के निम्न फायदे क्या हैं |
- गोमेद रत्न पहनने से राहू के प्रभाव को शांत किया जाता है |
- काल शर्प दोष से पीड़ित लोगों को गोमेद धारण करना चहिये , इससे उनके जीवन काल शर्प दोष से पड़ने वाले बुरे प्रभाव को खत्म किया जा सकता है |
- गोमेद रत्न धारण करने से मन की शांति बनी रहती है |
- अगर किसी को रात को सोते समय नींद नहीं आती है तो गोमेद रत्न धारण करने से अनिंद्रा की समस्या समाप्त हो जाती है |
- गोमेद धारण करने से किसी भी काम में रुकावट नहीं आती है और अगर किसी के काम रुके हुए हैं तो रुके हुए काम भी पुरे हो जाते हैं |
- ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है की राहू जैसे ग्रह के बुरे प्रभाव के कारण कैंसर जैसी बीमारियाँ होने की संभावनाएं बढ़ जाती है , इस वजह से भी गोमेद रत्न धारण कारण चाहिए .
- शेयर बाजार , लौटरी और जुवा खेलने वालों के लिए गोमेद पहनना शुभ माना गया है |
गोमेद रत्न धारण करने की विधि (Gomed Stone Pehanne Ki Vidhi)
चमकदार पारदर्शी रत्न गोमेद को धारण करने के लिए शनिवार का दिन सबसे ज्यादा शुभ माना गया है | यदि शनिवार के दिन स्वाति या आद्रा नक्षत्र में इसे धारण किया जाए तो इसे धारण करना और अधिक शुभ हो जाता है | कभी भी 7 और आठ रति से कम का गोमेद धारण करना नहीं चाहिए | इस रत्न को हमेशा चांदी या अस्टधातु की अंगूठी में जडवाना चाहिए | गोमेद धारण करने के लिए सबसे पहले इसे एक रात पहले गंगाजल ,दूध ,शहद में भिगो कर रखना चाहिए , अगली सुबह विधिवत तरीकों से ज्योतिष की सलाह परामर्श से मंत्रो उच्चारण के साथ इसे धारण करना चाहिए | इसे धारण करते समय ॐ रवये नमः का जप करना चाहिए |
गोमेद रत्न धारण करने के नुकसान (Gomed Stone Ke Nuksaan)
गोमेद रत्न धारण करने के जितने फायदे हैं उतने ही नुकसान भी हैं लेकिन यह नुकसान तब संभव हैं जब बिना किसी ज्योतिष परामर्श के या फिर बिना कुंडली दिखाए इसे धारण किया जाए या फिर इसे धारण करने के बाद नियमों का उल्लंघन किया जाए | गोमेद रत्न धारण करने के नुकसान निम्न हैं |
- कम चमकीले गोमेद को पहनने से महिलाओं की जिंदगी में उसके बुरे प्रभाव होने लगते हैं |
- कम चमकीला गोमेद पहनने से व्यक्ति की प्रतिष्टा पर बुरा असर पड़ता है |
- बहुरंगी गोमेद धारण करने से व्यक्ति के शरीर पर बीमरियों का कब्ज़ा होने लगता है और आर्थिक परेशानियों की दिककत सामने आ जाती है |
- दागी गोमेद पहनने से दुर्घटना होने की संभावनाएं बनी रहती हैं |
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