8 Mukhi Rudraksha Benefits | 8 मुखी रुद्राक्ष के फायदे – सम्पूर्ण जानकारी

जैसा कि हम सब जानते हैं कि रुद्राक्ष को महादेव शिव का आंसू माना जाता है और रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रतीत भी मानते हैं। रुद्राक्ष को अपने घर में और अपने पास रखने से काफी सारे फायदे होते हैं, जिनके बारे में आज हम चर्चा करेंगे। 8 Mukhi Rudraksha को अष्ट सिद्धि का प्रतीक माना जाता है ऐसा भी मानते हैं कि आठ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से भैरव बाबा एवं काल भैरव मतलब भगवान शिव की अत्यंत कृपा मनुष्य पर होती है।

इसे धारण करने से चरित्रवान, अच्छा स्वास्थ्य और अत्यधिक प्रसिद्ध आत्मविश्वास सब में बढ़ोतरी होना तय होता है।

आठ मुखी रुद्राक्ष आठ पहाड़ों की तरह ही शक्तिवान है। जो व्यक्ति इन रुद्राक्ष का सही सिद्धि करके यानि की सही समय पर और सही तरीके से पहनते है वह व्यक्ति अपने जीवन में सभी सुख को प्राप्त कर लेते है।

ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष सात शक्ति यानि सुमेरु में सबसे ऊंचे स्थान पर होता है। जो व्यक्ति रुद्राक्ष को धारण करते हैं, उन व्यक्तियों को सभी उपक्रमों में सफलता प्राप्त होती है। अगर इन रुद्राक्ष का उपयोग दो पारा गेंदों के साथ किया जाए तो यह बुद्धि को भी बढ़ाता है, व्यक्ति के लिए धन और धन के नए अवसरों को भी खोल देता है।

आठ मुखी रुद्राक्ष के फ़ायदे (8 Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi)

आठ मुखी रुद्राक्ष का सत्तारूढ़ ग्रह राहु है इसी वजह से यह पुरुषोचित प्रभाव को बढ़ाने में सहायक है। राहु का पुरुषार्थ प्रभाव शनि या शनि के समान रहता है। 8 मुखी रुद्राक्ष पहनने से चरित्र और मन दोनों की शक्ति बढ़ती है और साथ ही रुद्राक्ष धारण करने से मन को खुशी, प्रसिद्धि, अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने और आत्मविश्वास बढ़ाने में भी मदद मिलती है।

  1. आठ मुखी रुद्राक्ष में मौजूद काफी औषधीय तत्व होते हैं जिससे अनेक बीमारियों को दूर किया जा सकता हैं।
  1. रुद्राक्ष से लोगों के जीवन में पारिवारिक क्लेश के कारण रुकी गई प्रगति को दुबारा बढ़ाया जा सकता है। अगर आपके घर परिवार में केवल लड़ाई- झगड़े, कलेस का माहौल रहता है जिसके कारण वश ससुराल पक्ष से संबंधों में बहुत अधिक असमंजस की स्थिति बनी रहती है तो इन कलेस को दूर किया जा सकता है 8 मुखी रुद्राक्ष से।
  1. यदि आपके जीवन में भी काफी बाधाएं आ रही है और यदि आप भी इन सबकी वजह से मुश्किल में है, आप भी अगर समाधान चाहते हैं और इस मुश्किल से बाहर निकलना चाहते हैं तो आप को भी आठ मुखी रुद्राक्ष का ग्रहण करना चाहिए। बता दे कि आप अपने ऊपर आई हुई किसी भी तरह की बाधा को रुद्राक्ष के ग्रहण करने से दूर कर सकते हैं।
  1. राहु किसी भी कुंडली में सबसे ज्यादा हानिकारक होता है और ऐसा भी माना जाता है कि यदि आपके ग्रहों में राहु होता है तो आप ग्रहों पर राहु का रिस्क कम सकते हैं आठ मुखी रुद्राक्ष तो पहनकर‌।
  1. जिन लोगों को राजनीति सफलता प्राप्त करनी है और जो सफलता प्राप्त करने के लिए विघनों का सामने कर रहे हैं वह सभी की चिंताए दूर हो सकती है सिर्फ रुद्राक्ष को धारण करने से, सिर्फ रुद्राक्ष धारण करने से आप सफलता की ऊचाई को छू पाने में कामियाब हो सकेंगे।
  1. जिन व्यक्तियों को अकाल मृत्यु होने का भय सताता है उन व्यक्तियों को भी रुद्राक्ष सुरक्षा प्रदान करता है।
  1. रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्तियों को विलक्षण प्रतिभा एवं विलक्षण कौशलों की प्राप्ति होती है साथ ही विद्यार्थी वर्ग के लिए रुद्राक्ष को बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता है। इसके धारण कर विधार्थियो की एकाग्रता शक्ति मजबूत होती है साथ ही तर्क वितर्क की शक्ति में भी अप्रतिम रूप से अनुकूल परिवर्तन उनमें नज़र आता है।
  1. जिन व्यक्तियों की सहभागिता किसी भी तरह के व्यवसाय में होती है और जो अपने जीविकोपार्जन में उत्तम लाभ की प्राप्ति करना चाहते हैं, उनके लिए 8 मुखी रुद्राक्ष को धारण करना आवश्यक होता है और साथ ही उनके कार्यक्षेत्र में उत्पन्न होने वाले विभिन्न प्रकार की परेशानियों को भी दूर किया जाता है। जिससे उनके कार्य मे कुशलता बढ़ने के साथ उनके कार्य क्षेत्र में उचित पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होना संभव हो पाता है।

8 Mukhi Rudraksha कैसा होता है

रुद्राक्ष की माला में 108 दाने होते है जो रुद्राक्ष की माला अमिट प्रभावकारी होती है। पांचमुखी के कम से कम तीन दाने और अन्य का एक दाना भी बाहु या कंठ में धारण करने से पूर्ण लाभ होता है। यह महादेव के शक्तिशाली रुद्राक्ष व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक, भौतिक कष्टों का शमन करके उसमें आस्था, शुचिता और देवत्व के भाव जागृत कर सकते हैं। भूत-बाधा, अकाल मृत्यु, आकस्मिक दुर्घटना, मिर्गी, उन्माद, हृदय रोग, रक्तचाप आदि में रुद्राक्ष धारण का चमत्कारी प्रभाव दृष्टिगोचर होता है। यह भी बात महत्वपूर्ण है कि रुद्राक्ष लाल धागे में पिरोकर धारण करना चाहिए।

आठ मुखी रुद्राक्ष का धारण मंत्र

आठ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए पूजनोपरांत ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का उपचार 1100 जप करके 108 बार हवन करके पहना चाहिए। बाद में रुद्राक्ष को शिवलिंग से स्पर्श करके पुन: ॐ नम: शिवाय’ मंत्र जपते हुए पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके धारण करना अनिवार्य होता है।

बता दे कि ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है तो उस व्यक्ति को सोते समय रुद्राक्ष को उतार कर सोना चाहिए‌। सोते समय रुद्राक्ष को पहने रखने से रुद्राक्ष अशुद्ध हो जाता है, यही वजह है कि सोने से पहले रुद्राक्ष को उतार कर अपने सिरहाने के पास रख देना चाहिए और सुबह स्नान आदि करने के बाद धारण करना चाहिए।

रुद्राक्ष को खरीदने के बाद आपको केवल सोमवार की सुबह उठकर “ओम हुं नमः” का 108 बार जाप करने के बाद रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए। बता दे कि रुद्राक्ष को धारण करने से पहले माला को दूध से धो लें, और यदि आपके घर में गंगा जल है तो इससे विधि पूरी करे, यह उत्तम रहेगा। अगर गंगा जल नहीं है तो 108 बार “ॐ हं नमः” का जाप करने के बाद गले में धारण करना चाहिए‌।

विनियोग –

ॐ अस्य श्रीगणेशमन्त्रस्य भार्गवऋषि: अनुष्टुपछन्द: विनायको देवता ग्रीबीजं आं शक्ति: । चतुर्वर्गसिद्धयर्थे जपे विनियोग: ।

ध्यानम् –

हरतु  कुल गणेशो विघ्नसंधानशेषान् ।

नयतु  सकलसम्पूर्णतां साधकानाम्  ॥

पिबुत बटुकनाथ: शोषितं निम्नकानां ।

दिशतु सकलकामान् कौलिकानां गणेश: ॥

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