ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव का अर्थ क्या है?

आज किस article में हम जानेंगे कि “ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव का अर्थ” क्या होता है. क्या आपको पता है कि यह कितना हमारी ज़िंदगी में महत्वपूर्ण है और इसके उच्चारण मात्र से हमारे जीवन पर इसका कितना प्रभाव पड़ता है. जो भगवान की अर्थात ईश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा-भावना हमेशा रखते हैं उन्हें अच्छे से मालूम है कि मंत्रो उच्चारण मात्र से ही हमारे जीवन में क्या प्रभाव होता है. उसमें से आज हम एक मंत्र “ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव का अर्थ” जानेंगे.

यह एक पवित्र शक्तिशाली मंत्र है जिसका उपयोग भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए किया जाता है। इस मंत्र के जप से ही हमारी सा री अवकाश की पूर्ति होती है और हमारा मानसिक संतुलन भी बना रहता है। ऐसे में अगर किसी की कुंडली में इस मंत्र से कोई दोष है तो हमारे सा री परेशानियां भी दूर होती हैं और हमारा मंगल भी होता है। जानें इस मंत्र के बारे में महत्वपूर्ण और इस मंत्र का अर्थ और साथ ही ये मंत्र कैसे काम करता है। इसके लिए पूरा आर्टिकल पढ़ें।

ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव का अर्थ

ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव” यह एक अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है, जो भगवान शिव की स्तुति के लिए प्रयोग किया जाता है। इसका उल्लेख प्राचीन ग्रंथों, विशेषकर शिव पुराण में मिलता है। आइए इस मंत्र के प्रत्येक शब्द के गहरे अर्थ को समझते हैं—

– यह एक दिव्य ध्वनि और ब्रह्मांड की मूल ध्वनि मानी जाती है। यह सृजन, पालन और संहार का प्रतीक है।
नमः – इसका अर्थ होता है ‘नमन’ या ‘समर्पण’, जो पूर्ण श्रद्धा और भक्ति को दर्शाता है।
पार्वती पतये – अर्थात ‘हे पार्वती के स्वामी’, यानी भगवान शिव, जो शक्ति स्वरूपा देवी पार्वती के पति हैं।
हर हर महादेव – ‘हर’ का अर्थ है ‘जो सभी पापों और कष्टों का नाश करता है’, और ‘महादेव’ का अर्थ है ‘देवों के भी देव, सबसे श्रेष्ठ’।

इस मंत्र का संपूर्ण अर्थ यही है कि हम भगवान शिव, जो संहार और सृजन के अधिपति हैं, उन्हें साष्टांग प्रणाम करते हैं। हम उनकी शरण में जाते हैं, उनके चरणों में नतमस्तक होते हैं और अपनी आत्मा को उनके चरणों में समर्पित करते हैं। हर हर महादेव!

ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव – मंत्र का महत्व

तो जानिए कि ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव मंत्र का क्या महत्व है। यह ऐसा मंत्र है जिसे भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है और इस मंत्र के उच्चारण से आप उनकी असीम कृपा के साथ भागीदारी कर सकते हैं। धर्मशास्त्रों में बताया गया है कि इस मंत्र के महत्वपूर्ण उच्चारण निम्नलिखित हैं जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं:

  • इस मंत्र का नियमित जाप करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे आध्यात्मिक उन्नति, समृद्धि और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा मिलती है।
  • मंत्र का लयबद्ध उच्चारण मन को शांति प्रदान करता है, तनाव और चिंता को दूर करता है तथा मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता को बढ़ाता है।
  • भगवान शिव की दिव्य शक्ति का आह्वान करने से भावनात्मक संतुलन बना रहता है और मन में बसे भय, क्रोध व दुख की तीव्रता कम होती है।
  • निरंतर जाप से आध्यात्मिक चेतना जाग्रत होती है और व्यक्ति का ईश्वर से संबंध गहरा होता जाता है।
  • भगवान शिव को जीवन की कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने वाला माना जाता है।
  • इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से मार्ग की रुकावटें समाप्त होती हैं और इच्छित लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायता मिलती है।

ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव – मंत्र जाप की विधि

किसी भी मंत्र को आप इसे ही कभी भी जप शुरू नहीं कर सकते, उसके लिए आपको जरूरी है उसके बारे में पूर्ण विधि जान लेना। जैसा:

  • माता पार्वती की कृपा पाने के लिए उनकी प्रतिमा या तस्वीर के सामने बैठकर सुबह या शाम के समय इस मंत्र का जाप करें।
  • जाप करते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख रखें।
  • जाप शुरू करने से पहले स्वयं को स्वच्छ करें और मन को शांत रखते हुए पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करें।
  • मनचाहा फल प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का कम से कम 48 दिनों तक नित्य जाप करें।
  • रुद्राक्ष माला का उपयोग करते हुए 9, 54, 108 या 1008 बार मंत्र दोहराएं। सच्चे मन और पूर्ण विश्वास के साथ भगवान की आराधना करें।

इस विधि को अपनाकर माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने जीवन में सुख-समृद्धि लाएं।

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भगवान शिव को प्रसन्न करने का अन्य मंत्र

भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और उनकी आराधना के लिए कई प्रभावशाली मंत्रों का जाप किया जाता है। यहां कुछ प्रमुख मंत्र दिए गए हैं:

1. महामृत्युंजय मंत्र

यह मंत्र भगवान शिव के सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक है और नकारात्मक ऊर्जा, रोग, भय और संकट से रक्षा करता है।

मंत्र:

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

2. पंचाक्षरी मंत्र

यह भगवान शिव का मूल मंत्र है और इसे जपने से शिवजी की असीम कृपा प्राप्त होती है।

मंत्र:

ॐ नमः शिवाय॥

3. रुद्र गायत्री मंत्र

यह मंत्र भगवान शिव की शक्ति को जाग्रत करने और आंतरिक शांति पाने के लिए जपा जाता है।

मंत्र:

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

4. शिव तांडव स्तोत्र मंत्र

यह मंत्र भगवान शिव के तांडव स्वरूप का वर्णन करता है और शक्ति प्रदान करता है।

मंत्र:

जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले।
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम्॥

5. काल भैरव मंत्र

यह मंत्र भय, शत्रुओं और नकारात्मकता को दूर करने के लिए जपा जाता है।

मंत्र:

ॐ भयहरणं च भैरवाय नमः॥

6. शिव ध्यान मंत्र

यह मंत्र ध्यान और साधना में गहराई लाने के लिए जपा जाता है।

मंत्र:

करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा।
श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम्॥
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व।
जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥

इन मंत्रों का श्रद्धा और भक्ति भाव से जाप करने पर भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में शांति, सुख और सफलता मिलती है।

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